मैं रोता रहा लोग हँसते रहे, मैं रोता रहा लोग हँसते रहे,
गर्मी की एक शाम लोड-शेडिंग के कारण गर्मी से निज़ात पाने मैं अपने बरामदे की सीढ़ीयों पर आ कर बैठा ही था... गर्मी की एक शाम लोड-शेडिंग के कारण गर्मी से निज़ात पाने मैं अपने बरामदे की सीढ़ीयो...
वट तुम्हारी रागमयता आज मुझ पर झर रही है। वट तुम्हारी रागमयता आज मुझ पर झर रही है।
कुछ पत्ते गीले दीखते हैं मानो अश्क समेटें खुद में हों कुछ पत्ते गीले दीखते हैं मानो अश्क समेटें खुद में हों
हर दम मेरा हाथ थामे संग-संग चले तेरा साया तेरी हमनवाज़ी पे मैं वारी ओ साहिबा...।। हर दम मेरा हाथ थामे संग-संग चले तेरा साया तेरी हमनवाज़ी पे मैं वारी ओ साहि...
यह अहसास दिलाया है यह अहसास दिलाया है